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रविवार, 4 अगस्त 2013
बुधवार, 24 जुलाई 2013
आगामी प्रतियोगिता परीक्षाएं 2013
आगामी प्रतियोगिता परीक्षाएं 2013
इससे संबंन्धित उपयोगी वेबसाइट है : AllExamGuru.blogspot.in
जुलाई
● 27 एवं 28 जुलाई – भारतीय रिजर्व बैंक में सहायकों की भर्ती
● 28 जुलाई – केन्द्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) जुलाई, 2013
● जुलाई – वायुसैनिक भर्ती परीक्षा [ग्रुप X (तकनीकी) ट्रेड]
अगस्त
● 11 अगस्त – राष्ट्रीय रक्षा अकादमी एवं नौसेना अकादमी परीक्षा (II)–2013
● 17, 24 एवं 25 अगस्त – आर.बी.आई. ऑफीसर्स ग्रेड ‘बी’ परीक्षा
● 18 अगस्त – इग्नू बी.एड. प्रवेश परीक्षा
● 22 अगस्त – 2 सितम्बर – राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम में यातायात निरीक्षक, सहायक यातायात निरीक्षक, कनिष्ठ अभियंता ‘अ’ तथा ‘ब’ कनिष्ठ विधि अधिकारी, ऋण कल्याण निरीक्षक, कनिष्ठ लेखाकार कनिष्ठ लिपिक आदि की परीक्षा (ऑनलाइन अन्तिम तिथि–24 जुलाई, 2013)
● 25 अगस्त – डी आर डी ओ में सीनियर टेक्निकल असिस्टेंट ‘B’ परीक्षा
● 25 अगस्त – उत्तर प्रदेश प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक भर्ती परीक्षा
● 25 अगस्त – दिल्ली पुलिस व केन्द्रीय पुलिस संगठन में उपनिरीक्षकों, सी.आई.एस.एफ. में सहायक सब-इंस्पेक्टरों एवं एन.सी.बी. में इंटेलीजेंस अधिकारियों की भर्ती परीक्षा, 2013 (द्वितीय प्रश्न पत्र)
● 30 अगस्त – एस.एस.सी. संयुक्त स्नातकस्तरीय परीक्षा-2013 (द्वितीय चरण : तृतीय प्रश्न पत्र)
सितम्बर
● 1 सितम्बर – एस.एस.सी. संयुक्त स्नातकस्तरीय परीक्षा-2013 (द्वितीय चरण : प्रथम एवं द्वितीय प्रश्न पत्र)
● 1 सितम्बर – उत्तर प्रदेश प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक भर्ती परीक्षा
● 8 सितम्बर – संघ लोक सेवा आयोग सम्मिलित रक्षा सेवा परीक्षा (II)–2013
● 8 सितम्बर – उत्तर प्रदेश पोस्ट ग्रेजुएट शिक्षक भर्ती परीक्षा
● 15 सितम्बर – छत्तीसगढ़ सहायक जिला अभियोजन अधिकारी परीक्षा
● 29 सितम्बर – छत्तीसगढ़ पी.एस.सी. ग्रंथपाल भर्ती परीक्षा
● सितम्बर – राजस्थान कृषि पर्यवेक्षक भर्ती परीक्षा
● सितम्बर-अक्टूबर – हिमाचल प्रदेश राज्य पात्रता परीक्षा (SET), 2013
अक्टूबर
● 1–25 अक्टूबर – मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग राज्य सेवा मुख्य परीक्षा, 2012
● 20 अक्टूबर – केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सहायक कमांडेंट) परीक्षा-2013 (अन्तिम तिथि–5 अगस्त, 2013)
● 27 एवं 28 जुलाई – भारतीय रिजर्व बैंक में सहायकों की भर्ती
● 28 जुलाई – केन्द्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) जुलाई, 2013
● जुलाई – वायुसैनिक भर्ती परीक्षा [ग्रुप X (तकनीकी) ट्रेड]
अगस्त
● 11 अगस्त – राष्ट्रीय रक्षा अकादमी एवं नौसेना अकादमी परीक्षा (II)–2013
● 17, 24 एवं 25 अगस्त – आर.बी.आई. ऑफीसर्स ग्रेड ‘बी’ परीक्षा
● 18 अगस्त – इग्नू बी.एड. प्रवेश परीक्षा
● 22 अगस्त – 2 सितम्बर – राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम में यातायात निरीक्षक, सहायक यातायात निरीक्षक, कनिष्ठ अभियंता ‘अ’ तथा ‘ब’ कनिष्ठ विधि अधिकारी, ऋण कल्याण निरीक्षक, कनिष्ठ लेखाकार कनिष्ठ लिपिक आदि की परीक्षा (ऑनलाइन अन्तिम तिथि–24 जुलाई, 2013)
● 25 अगस्त – डी आर डी ओ में सीनियर टेक्निकल असिस्टेंट ‘B’ परीक्षा
● 25 अगस्त – उत्तर प्रदेश प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक भर्ती परीक्षा
● 25 अगस्त – दिल्ली पुलिस व केन्द्रीय पुलिस संगठन में उपनिरीक्षकों, सी.आई.एस.एफ. में सहायक सब-इंस्पेक्टरों एवं एन.सी.बी. में इंटेलीजेंस अधिकारियों की भर्ती परीक्षा, 2013 (द्वितीय प्रश्न पत्र)
● 30 अगस्त – एस.एस.सी. संयुक्त स्नातकस्तरीय परीक्षा-2013 (द्वितीय चरण : तृतीय प्रश्न पत्र)
सितम्बर
● 1 सितम्बर – एस.एस.सी. संयुक्त स्नातकस्तरीय परीक्षा-2013 (द्वितीय चरण : प्रथम एवं द्वितीय प्रश्न पत्र)
● 1 सितम्बर – उत्तर प्रदेश प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक भर्ती परीक्षा
● 8 सितम्बर – संघ लोक सेवा आयोग सम्मिलित रक्षा सेवा परीक्षा (II)–2013
● 8 सितम्बर – उत्तर प्रदेश पोस्ट ग्रेजुएट शिक्षक भर्ती परीक्षा
● 15 सितम्बर – छत्तीसगढ़ सहायक जिला अभियोजन अधिकारी परीक्षा
● 29 सितम्बर – छत्तीसगढ़ पी.एस.सी. ग्रंथपाल भर्ती परीक्षा
● सितम्बर – राजस्थान कृषि पर्यवेक्षक भर्ती परीक्षा
● सितम्बर-अक्टूबर – हिमाचल प्रदेश राज्य पात्रता परीक्षा (SET), 2013
अक्टूबर
● 1–25 अक्टूबर – मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग राज्य सेवा मुख्य परीक्षा, 2012
● 20 अक्टूबर – केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सहायक कमांडेंट) परीक्षा-2013 (अन्तिम तिथि–5 अगस्त, 2013)
New openings in Kendriya Vidyalaya
FOR THE YEARs 2012-13 AND 2013-14.
Kendriya Vidyalaya Sangathan (KVS), henceforth
mentioned as KVS, an autonomous organization
under the Ministry of Human Resource Development, Government of India invites
Online
applications
from Indian Citizens for recruitment
to the Teaching and Miscellaneous Teaching posts for the years
2012-13 and 2013-14.
Candidates are required to apply online through this website
OR
http://jobapply.in/kvs
/
No other
means/mode of submission of applications will be accepted. The schedule of ONLINE registration is
as follows:-
Commencement of Online Registration on this website
OR
http://jobapply.in/kvs/
29.07.2013
Last Date for Online Registration
28.08.2013 upto 11.59 p.m.
Last Date for receipt of print out of completed application, along
with prescribed KVS bank challan where applicable and self-
attested copies of testimonials at "
Post Box No. 3076, Lodi
Road, New Delhi-110003
"
12.09.2013
for more details visit
www.kvsangathan.nic.in
रविवार, 21 जुलाई 2013
career
शुक्रवार, 19 जुलाई 2013
Job Interview में सफल होने के 10 Tips
Job Interview में सफल होने के 10 Tips
Job Interview में सफल होने के 10 Tips
Hi friends,
Job Interview Series की यह दूसरी post है . उम्मीद है अब तक आपने पहली post पढ़ ली होगी . और अगर नहीं पढ़ी है तो उसे एक बार ज़रूर पढ़ लें .
As per plan आज मैं आपके साथ जॉब
इंटरव्यू में सफलता पाने के लिए ऐसी 10 बातें share करूँगा जो
मुझे बेहद ज़रूरी लगती हैं . इन बातों के अलावा भी कुछ important
tips हैं जो मैं कल की post में आपके साथ as Job Interview Dos
& Don’ts share करूँगा .
इन 10 Tips में आप मेरे Interview से
related अब तक के experience का निचोड़ देखेंगे . तो आइये जानते
हैं इंटरव्यू में सफल होने के लिए किन 10 बातों पर ध्यान देना
आवश्यक है .
1) CV / Resume को बनाने में पूरी सावधानी बरतें :
आपकी CV का मकसद अपने potential
employer को यह दिखाना होना चाहिए की क्यों आप इस जॉब के लिए
best person हैं .आपकी CV ही आपसे related वो पहली चीज होती है जो
Interviewer के सामने जाती है .कह सकते हैं कि उनकी नज़रों में
यही आपका first impression होता है . अगर interviewer को CV अच्छी
नहीं लगी , या उसमे बचकानी mistakes दिखीं तो आपके लिए उसका
perception खाराब हो सकता है . और ये भी ध्यान रखें कि आपकी छोटी
छोटी बातें कहीं ना कहीं आपकी बड़ी -बड़ी हरकतों की ओर भी
इशारा करती हैं . अगर कोई व्यक्ति अपनी CV बनाने में असावधान है
तो job में भी उसके ऐसा करने के काफी chances हैं , और ये बात
interviewer अच्छी तरह से जानता है .
CV अच्छे से बनाना इसलिए भी ज़रूरी
है क्योंकि ज्यादातर companies में पहले CV के basis पर ही
candidates को छांट दिया जाता है , और अगर आप यहीं छांट गए तो
बाकी tips रखी की रखी रह जायेंगी . इसलिए इस most important step
को कत्तई miss ना करें .
मैं यहाँ CV कैसे बनाएं , ये तो
नहीं बता सकता पर कुछ important points ज़रूर share कर सकता हूँ
जिस पर आपको ध्यान देना चाहिए :
- आपकी CV का look professional होना चाहिए .
- बड़े -बड़े paragraph की जगह bullet points use करें , ये interviewer को CV पढने के लिए ज्यादा प्रेरित करते हैं .
- कोई भी Spelling mistake नहीं होनी चाहिए .
- अगर CV दो page में बन सकती है तो जबरदस्ती उसे चार page का ना बनाएं .
- अलग -अलग job के हिसाब से अपनी CV में थोड़े – बहुत बदलाव करें .
- उन points को highlight करने की कोशिश करें जो इस job से related हों.
- CV बनाने के बाद दो-चार लोगों से उसे पढवा लें .
2) Job से related theoretical knowledge को special attention दें :
मैं पिछले 5-6 साल से Insurance field
से related हूँ . इस sector की मुझे ठीक – ठाक knowledge है , पर
जब कभी कोई interview schedule होता है तो मैं अपनी पुरानी books,
PPTs, और अन्य resource material अच्छी तरह से दोहराता हूँ .
Job से सम्बंधित theoretical knowledge
को बराबर importance दें , मैं कुछ ऐसे लोगों को जानता हूँ जिनके
पास practically काम कैसे होता है इस बात की अच्छी knowledge है
, पर वो technical terms और theory में lack करते हैं , और इस
वजह से उन्हें interview में उतनी सफलता नहीं मिल पाती . आप इस
तरह की गलती ना करें , और theoretical knowledge को कम ना आंकें .
अगर मैं अपनी बात करूँ तो interview
की पूरी preparation का 60% time इसी काम में देता हूँ . यहाँ पर
दिया गया effort और चीजों को आसान बना देता है , आपका confidence
बढ़ जाता है , और आप जो answers देते हैं उसमे ये साफ़ झलकता
भी है . Interviewer भी शुरआती answers की quality से ही जान लेता
है कि आप एक well prepared candidate हैं या एक casual candidate.
Interview को कभी casually नहीं लेना
चाहिए , यह एक competition है , आपको खुद को दूसरों से बेहतर
साबित करना होता है . और आप किसी भी department में कोताही नहीं
बरत सकते . इसलिए आप जो भी interview देने जा रहे हैं उस field
से related theoretical knowledge पर अतिरिक्त ध्यान दें .
मैं यहाँ practical knowledge को
इसलिए emphasize नहीं कर रहा हूँ क्योंकि यदि आप एक fresher हैं
तो आपसे practical knowledge expected नहीं है और यदि आप
exeperienced हैं तो definitely आपके पास practical knowledge होगी ही
.
3) खुद को Employer की जगह रख कर देखें :
ये सोचिये कि अगर आप Interviewer
होते तो एक ideal candidate के अन्दर क्या खोजते . जो job vacancy है
उसकी specific need को समझने की कोशिश कीजिये , और उन needs को
पूरा करने के लिए जो qualities चाहिएं उसे interview में showcase
कर सकते हैं.दूसरी तरफ आप उन qualities को छुपा भी सकते हैं जो इस जॉब
के लिए फिट नहीं बैठतीं.
For example: अगर Marketing जॉब के
लिए जा रहे हैं , तो आपकी travelling की hobby को आप highlight कर
सकते हैं , पर यदि आप operations की जॉब के लिए जा रहे हैं तो
आपको इसे highlight नहीं करना चाहिए . अलग -अलग job requirements के
हिसाब से आप अपनी CV में बदलाव कर सकते हैं , और उसे और भी
effective बना सकते हैं .
आम तौर पर कोई interviewer आपके
confidence, subject knowledge और stability , team में काम करने की
क्षमता, इत्यादि check करते है .
कई बार ये भी होता है कि आप किसी
काम के लिए overqualified होते हैं , जैसे कि अगर computer
operator का काम है और कोई MCA उस जॉब के लिए interview दे रहा
है , तो भी Employer उसे select करने में हिचकेगा , क्योंकि उसकी
इस job में टिकने के आसार कम होंगे . इसलिए अगर job के हिसाब से
आपकी qualification अधिक है तो उसे mention नहीं करना ही ठीक
रहता है .
इसी तरह जब आप खुद को employer की
जगह रखकर देखते हैं तो आपके दिमाग में कई बातें आएँगी और आप उस
हिसाब से खुद को तैयार कर सकते हैं .
4) Frequently Asked Questions( FAQs) की तैयारी ठीक से कर लें :
Job interviews में कुछ questions
बहुत ही common होते हैं , जो लगभग हर एक interview में पूछे जाते
हैं . ऐसे questions की तैयारी अच्छे से कर लें , और साथ
ही साथ उन questions के बारे में भी सोच लें जो आपके जवाब के
बदले आपसे पूछे जा सकते हैं .
यहाँ मैं ऐसे questions की एक छोटी सी list दे रहा हूँ :
- Tell me about Yourself ? / Walk me through you CV?/ Introduce yourself/ अपने बारे में हमें बताएं ?
- Do you want to ask any question? / क्या आप कोई प्रश्न पूछना चाहते हैं . ( Inerview के अंत में ये पूछा जा सकता है .)
- Tell us about your current job, what is your role?/ अपनी मौजूदा नौकरी के बारे में बताएं , आपका काम क्या है ?
- Why do you want to join this company? / आप ये company क्यों join करना चाहते हैं ?
- Why is there a gap in your studies/ job ? आपकी पढाई /job में gap क्यों है ?
- Why do you want to leave your current job? / आप अपनी मौजूदा नौकरी क्यों छोड़ना चाहते हैं ?
- What are your weaknesses / strengths ? / आपकी weakness/ strength क्या है ?
- Why should we select you? /हम आपका चयन क्यों करें ?
- Why did you chose this specialization? आपने यह specialization क्यों किया ?
- Why your marks are very low in xyz exam? Xyz exam में आपके marks इतने कम क्यों हैं ?
- What has been your biggest achievement till date? / अब तक की आपकी सबसे बड़ी achievement क्या रही है ?
इसके अलावा आपकी industry से related
कुछ common questions भी पूछे जा सकते हैं , इसलिए ऐसे प्रश्नों
की study पहले से ही detail में कर लें .
In questions की तैयारी करने का मतलब
ये नहीं है कि इन्हें रटा जाए . ये इसलिए है कि आपकी mental
clarity बनी रहे . In questions के answers की एक outline आपके mind
में तैयार होनी चाहिए , और interview के समय उसे अपने शब्दों
में बोलने के लिए तैयार रहना चाहिए .
For example: अगर कोई अचानक ही आपसे
आपकी strength पूछ ले तो आप कोई ना कोई उत्तर ज़रूर दे लेंगे
पर हो सकता है बाद में आपको लगे की आप अपनी सबसे बड़ी खूबी
बताने से ही चूक गए हैं , लेकिन अगर आप पहले से prepared
रहेंगे तो ऐसी गलती नहीं होगी .
5) Mind में पूरा interview process कई बार run कर लें :
जब भी मुझे interview देना होता है
तो उससे पहले मैं 4-5 बार पूरा का पूरा interview अपने mind में
run कर लेता हूँ . और ये बहुत ही detailed होता है .
इसमें मैं सुबह उठने से लेकर
interview खत्म होने तक की छोटी से छोटी बात के बारे में सोचता
हूँ .ऐसा करने से mind कई चीजों को लेकर बिलकुल clear हो जाता है
. जैसे कि कब उठाना है , क्या revise करना है , क्या पहन कर
जाना है , कैसे जाना है , कब तक पहुचना है , क्या -क्या लेकर जाना
है , कैसा gesture रखना है , कैसे खुद को introduce करना है , etc.
इसमें सबसे ज़रूरी part होता है खुद
को interviewer से interact करते हुए visualize करना . मैं अपने मन
में सोचता हूँ कि interviewer कोई question पूछ रहा है , और फिर
मैं उसका answer दे रहा हूँ . ऐसा करने से कई बार ऐसे questions
दिमाग में आ जाते हैं जिनका answer ठीक से नहीं पता होता ,और
तब मैं उन्हें अच्छे से तैयार कर लेता हूँ .
पता नही आपको ये technique कैसी लगे
पर मैं जब भी इसे करता हूँ इसका कुछ ना कुछ फायदा ज़रूर
होता है . अब चाहे वो कोई interview से expected किसी question का
दिमाग में आना या कोई छोटी सी चीज जैसे कि interview के लिए
कपडे प्रेस करवाना …पर कुछ ना कुछ फायदा होता ज़रूर है .
6) Mock & Mirror Practice
MBA के दौरान campus selection से
पहले मैंने कई बार mock interviews दिए थे , और अपने friend Dheeraj
के साथ मिलकर बहुत लोगों के mock interviews लिए भी थे , हमने इन
interviews को web-cam से record भी किया था , जिसे देखकर लोगों
को काफी फायदा हुआ था . अगर आपको Interview देने का अधिक अनुभव
नहीं है तो आपको भी Mock Interviews जरूर देने चाहियें . मौक
interview conduct करने के लिए आप अपने किसी ऐसे friend या senior
से request कर सकते हैं जो आपको एक सही feedback दे सके . इस
activity को बहुत seriously कीजिये , ये आपको बहुत कुछ सीखा सकती
है . क्योंकि अक्सर हम खुद जो गलतियाँ करते हैं वो हमें दिखाई
नहीं देतीं , लेकिन और कोई उन्ही चीजों को आसानी से point कर
सकता है .
ये ध्यान दें कि कहीं इस activity
से आपका confidence कम ना हो . यहाँ interview लेने वाले को
समझदारी दिखानी होगी कि वो आपकी improvement areas भी बताये और
आपका confidence भी बढ़ाये . अगर आपको लगता है कि इस activity से
आपका confidence lose हो सकता है तो इसे ना करें . इसकी जगह आप
खुद शीशे के सामने बैठ कर अपना interview दें , और चाहें तो उसे
अपने mobile में record भी कर लें . जब आप अपने answers सुनेंगे
तो आपको खुद -बखुद कुछ improvement areas दिख जायेंगी .
7) Non-Verbal Communication पर ध्यान दें :
हम जो communicate करते हैं वो सामने वाले तक दो तरह से पहुँचता है . Verbally और Non-Verbally.
Verbally , यानि जो हम बोलते हैं ,
या लिखते हैं , और Non-Verbally बाकी चीजें , हम कैसे, किस tone में
बोलते हैं , हमारे बैठने का तरीका , eye contact, even हमारा
dressing sense. अलग -अलग research के मुताबिक़ हमारे total
communication में सिर्फ 20% verbal होता है और 80% Non-verbal.
इसलिए इस 80% पर ध्यान देना बहुत
ज़रूरी है . आपको interviewer से interact करते वक़्त कुछ बातों
का ध्यान देना होगा :
- आपको देखकर लगे की आप इस job में genuinely interested हैं .ऐसा आप अच्छे से dress up होकर , time से venue पर पहुंच कर कर सकते हैं .
- आपकी आवाज़ dull नहीं होनी चाहिए , enthusiasm और confidence show करना बहुत ज़रूरी है .
- पहली बार मिलते वक़्त हलकी सी smile ज़रूरी है , और interview के दौरान भी आपको एक friendly gesture रखना चाहिए .
- Job के लिए आपका जोश आपकी तैयारी से साफ़ झलकेगा , इसलिए अपना homework अच्छे से कर के interview देने जाएं . Specially, company के बारे में आपको अच्छी जानकारी होनी चाहिए , और आपकी field से related current developments भी पता होने चाहिएं .
Note:अपना confidence level improve करने के लिए आप इस लेख को पढ़ सकते हैं.
8 ) Contradictory answers ना दें :
Interviewer आपकी honesty check करने
के लिए , या बस यूहीं कुछ ऐसे प्रश्न पूछ सकते हैं जिनका
उत्तर एक -दूसरे से related हो .
For example: अगर आप पहले कह चुके
हैं कि ये आपकी dream company है , पर जब ये पूछा जाता है कि
ये company क्या – क्या service देती है , और आप ठीक से नहीं
बता पाते हैं , तो येही message जाता है कि एक तरफ तो ये आपकी
dream company है और दूसरी तरफ आप इसके बारे में basic जानकारी भी
नहीं रखते हैं तो इसका मतलब आप honest नहीं हैं .
या मान लीजिये आपने CV में अपनी
hobby Playing Cricket लिखी है , और interview में Playing Chess बताते
हैं तो definitely interviewer को आप पर doubt होगा .
Interview में सच बोलना ही सही रहता
है , पर यदि आप excitement या nervousness में कुछ अधिक बोल गए
हों तो उस उत्तर पर टिके रहिये , और पूरे interview के दौरान उसे
contradict मत करिए .
9) जिस भाषा में comfortable हों उसी में इंटरव्यू दें :
यदि आप English और हिंदी दोनों में
बात करने में निपुण हैं तो आप ये point skip कर सकते हैं लेकिन
अगर आप अंग्रेजी में comfortable नहीं हैं तो आपके लिए एक
important point हो सकता है .
अगर देखें तो आज -कल ज्यादातर job
interviews English में होते हैं , लेकिन कई जगह जहां Hindi में भी
interview हो सकते हैं वहां भी लोग English में ही interview
देने की कोशिश करते हैं . देखिये , गलत अंग्रेजी बोलने से अच्छा
है सही हिंदी बोलें.
हाँ , अगर job ही ऐसी है जहाँ बिना
English के काम नहीं चलने वाला , जैसे कि International Call center,
etc में ,तब आप अंग्रेजी में ही बात करने की कोशिश करें , लेकिन
अगर कोई ऐसी job है जहाँ Hindi से भी काम चल सकता है तो
Hindi में ही बात करें . In fact interview के शुरू में ही आप
साक्षातकर्ता से पूछ सकते हैं कि Can I answer the questions in
Hindi ? क्या मैं अपने उत्तर हिंदी में दे सकता हूँ ? ज्यादातर
case में आपको हाँ में ही उत्तर मिलना चाहिए . और फिर आप अपना
पूरा Interview Hindi +English मिला कर दे सकते हैं . Actually, बहुत
सारी jobs में बस आपको English के समझ की आवश्यकता होती है ,
भले आप उसे बोल ना पाएं लेकिन , सुनकर या पढ़कर समझने की
काबिलियत भी उस काम को करने के लिए पर्याप्त होती है , और
Interviewer भी इस बात को समझता है.
ऐसा करने का सबसे बड़ा लाभ ये है
कि आप स्वयं को अच्छे से व्यक्त कर पायेंगे और आपकी उस नौकरी
से related जो भी knowledge है उसे interviewer के सामने आसानी से
ला पाएंगे . और जब आप ऐसा करेंगे तो आपके success के chance
निश्चित रूप से बढ़ जायेंगे .
10) ये सोच कर चलें कि Selection हुआ तो अच्छा नहीं तो कुछ इससे भी अच्छा होगा :
Interview में select होने के लिए
बहुत over conscious मत होइए . अगर आप select नहीं होते हैं तो भी
दुनिया इधर की उधर नहीं होने वाली , in fact कुछ महीनों बाद
शायद आपको याद भी ना रहे कि आप ऐसे किसी interview में appear
हुए थे . Positive attitude रखने वाले ये मान कर चलते हैं कि जो
होता है अच्छा होता है.
मैंने 2010 में Max Newyork Life में
trainer के लिए interview दिया था , पर सौभाग्य से मेरा selection
उसमे नहीं हुआ . सौभाग्य इसलिए क्योंकि उस समय जितने भी लोगों
को as a trainer लिया गया था उन्हें market conditions ख़राब होने
की वजह से 6 महीने के अन्दर निकाल दिया गया .वहीँ दूसरी ओर कुछ
दिनों बाद ही मेरा selection HCL Technologies में हो गया , जो कि
work culture और monetarily दोनों तरह से मेरे लिए अच्छा रहा , और
इस job की बदौलत मुझे Finland,Europe जाने का भी मौका मिला .
Friends, I hope कि यहाँ share की गयी
बातें आपके काम आएँगी और आप इंटरव्यू में अपनी success rate को
पहले से improve कर पायेंगे . मुझे आपके feedback और इंटरव्यू से
related questions का इंतज़ार रहेगा .
ऐसे करें सिविल सर्विसेज की तैयारी
ऐसे करें सिविल सर्विसेज की तैयारी
यूपीएसएसी के सिविल
सर्विसेज एग्जाम का प्रिलिम्स 26 मई को होगा। पिछले कुछ सालों के दौरान इस
एग्जाम में तमाम बदलाव हुए हैं। इस साल से मेन्स में भी कुछ नए नियम लागू
कर दिए गए हैं। इन तमाम बदलावों के बीच कैसे करें इस प्रतिष्ठित एग्जाम की
तैयारी, बता रहे हैं गौतम आनंद...
यूपीएससी द्वारा आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा देश की सबसे प्रमुख और सम्मानित परीक्षा है। कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) द्वारा निर्देशित नियमों के मुताबिक अखिल भारतीय सेवाओं और केंद्रीय सेवाओं के ग्रुप क और ग्रुप ख पदों पर भर्ती के लिए यूपीएससी हर साल सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन करता है। आयोग हर साल फरवरी, मार्च में इसके लिए विज्ञापन निकालता है। मई के तीसरे या चौथे रविवार को प्री, नवंबर में मेन्स और अगले साल मार्च-अप्रैल में इंटरव्यू का आयोजन किया जाता है। फाइनल रिजल्ट मई के पहले या दूसरे हफ्ते तक घोषित कर दिया जाता है। जहां तक कुल वेकेंसी का सवाल है तो यह अमूमन 900 से 1100 के बीच होती हैं। इस साल सिविल सेवा प्री एग्जाम का आयोजन 26 मई को होना है। मेन्स एग्जाम 8 नवंबर से होंगे।
बदलाव की बात
- यूपीएससी ने इस साल यानी 2013 से सिविल सेवा परीक्षा में सुधार के लिए परीक्षा के तरीके में कुछ बदलाव किया है। इस नए फॉर्मैट में अब जनरल स्टडीज पर ज्यादा जोर दिया जाएगा।
- मेन्स एग्जाम में पहली बार जनरल स्टडीज के सिलेबस में नीतिशास्त्र, सत्यनिष्ठा और ऐप्टिट्यूड को शामिल किया गया है। डीओपीटी ने तमाम पेपर्स के अधिकतम अंकों के मामले में भी अच्छा खासा बदलाव किया है।
- सिविल सेवा मेन्स एग्जाम 2013 से जनरल स्टडीज के 250-250 अंकों के चार अनिवार्य पेपर होंगे।
- उम्मीदवार द्वारा चुने गए किसी एक ऑप्शनल सब्जेक्ट के दो पेपर भी 250-250 अंकों के होंगे।
- निबंध के पेपर को 200 से बढ़ाकर 250 कर दिया गया है।
- इंटरव्यू के 300 अंकों को घटाकर अब 275 कर दिया गया है।
- पहले जनरल स्टडीज के केवल दो अनिवार्य पेपर 300-300 अंकों के होते थे और दो ऑप्शनल सब्जेक्ट में हरेक के दो-दो पेपर 300-300 नंबर के होते थे।
शैक्षणिक योग्यता
- कैंडिडेट के पास किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी की ग्रैजुएशन डिग्री या समकक्ष योग्यता होनी चाहिए।
- ग्रैजुएशन के फाइनल इयर के उम्मीदवार भी प्री एग्जाम में शामिल हो सकते हैं, लेकिन जब वे मेन्स के लिए अप्लाई करेंगे तो उन्हें ग्रैजुएशन की डिग्री हासिल कर लेने का सर्टिफिकेट पेश करना होगा।
उम्र
- जनरल कैटिगरी के कैंडिडेट की उम्र 21 से 30 साल के बीच होनी चाहिए।
- ओबीसी के उम्मीदवारों के मामले में अधिकतम तीन साल, अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवार के लिए अधिकतम पांच साल की छूट का प्रावधान है।
- उम्र की गणना के लिए विज्ञप्ति प्रकाशन वाले साल के अगस्त महीने की पहली तारीख को मानक माना जाता है।
अवसरों की संख्या
- जनरल कैटिगरी के कैंडिडेट को चार बार और ओबीसी कैंडिडेट्स को सात बार परीक्षा में शामिल होने का मौका मिलता है।
- अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए अवसरों का कोई प्रतिबंध नहीं है।
- यहां यह जानना भी जरूरी है कि प्री एग्जाम के किसी भी पेपर में शामिल होने को ही अवसर के रूप में गिना जाता है, सिर्फ अप्लाई करने को नहीं।
रिजर्वेशन
- इस एग्जाम में सरकार द्वारा तय तरीके से अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, ओबीसी और शारीरिक रूप से अक्षम उम्मीदवारों के लिए आरक्षण की व्यवस्था है।
- अनुसूचित जातियों के लिए 15%, अनुसूचित जनजातियों के लिए 7.5% और ओबीसी के लिए 27% तक आरक्षण दिया जाता है।
सिविल सर्विसेज एग्जाम-2013 से जुड़ी जरूरी इंफर्मेशन...
26 मई को होगा सिविल सर्विसेज-2013 प्री एग्जाम
8 नवंबर से होगा सिविल सर्विसेज-2013 मेन्स एग्जाम
मार्च-अप्रैल 2014 में होगा इंटरव्यू
275 अंकों का होगा अब इंटरव्यू, पहले था 300 का
1000 से 1100 तक होती हैं कुल वैकेंसी
5 लाख के करीब भरे जाते हैं कुल फॉर्म
13 गुना (कुल वेकेंसी का) कैंडिडेट्स शामिल होते हैं मेन्स एग्जाम में
करीब 3 गुने (कुल वेकेंसी का) कैंडिडेट्स शामिल होते हैं इंटरव्यू में
एग्जाम
सिविल सेवा परीक्षा के दो चरण होते हैं:
1. मेन्स एग्जाम के लिए उम्मीदवारों के चयन के लिए सिविल सेवा प्री एग्जाम होता है। यह ऑब्जेक्टिव होता है।
2. प्री क्वॉलिफाई करने वाले लोगों को सिविल सेवा मेन्स एग्जाम देना होता है, जिसमें लिखित परीक्षा के अलावा इंटरव्यू भी होता है।
एग्जाम में बैठने का फैसला लेने से एक साल पहले या अगर ग्रैजुएशन कर रहे हों तो इसके फाइनल इयर से इसकी तैयारी शुरू कर दें। तैयारी शुरू करने से पहले सिलेबस, प्रश्न-पत्र, उपयोगी पत्र-पत्रिकाओं, न्यूज पेपरों, किताबों और दूसरे सभी पहलुओं की सूची बनाकर सिलसिलेवार ढंग से तैयारी शुरू करनी चाहिए।
1. प्री एग्जाम
- प्री एग्जाम में ऑब्जेक्टिव टाइप के 200-200 अंकों के दो पेपर होते हैं। यह एग्जाम सिर्फ उसी साल के मेन्स एग्जाम के लिए कैंडिडेट्स की स्क्रीनिंग के लिए होता है।
- इस एग्जाम में मिले नंबरों को फाइनल मेरिट लिस्ट में नहीं जोड़ा जाता।
- मेन्स एग्जाम में शामिल होने वाले योग्य कैंडिडेट्स की संख्या विज्ञप्ति में प्रकाशित कुल वेकेंसी की संख्या का लगभग 12 से 13 गुना होती है।
- यूपीएससी मेन्स एग्जाम में शामिल होने के लिए कैंडिडेट का चयन प्री में मिले नंबरों के आधार पर करता है।
रूपरेखा
- प्री में जनरल स्टडीज के पहले पेपर में 100 ऑब्जेक्टिव प्रश्न होते हैं।
- दूसरे पेपर सिविल सर्विसेज ऐप्टिट्यूड टेस्ट (सीसेट) में 80 ऑब्जेक्टिव प्रश्न होते हैं।
- दोनों पेपरों के लिए 200-200 अंक निर्धारित हैं।
- हर पेपर को 2 घंटे के भीतर हल करना होता है।
- प्रश्नों के उत्तर देने के लिए ओएमआर शीट पर सही गोले को काले बॉल पेन की मदद से रंगना होता है।
- हर प्रश्न के लिए चार ऑप्शन होते हैं। गलत उत्तर के लिए एक तिहाई अंक कट जाता है।
- सीसेट के डिसिजन मेकिंग वाले प्रश्नों में निगेटिव मार्किंग न होकर सबसे सही से लेकर कम सही तक क्रमश: अंकों में कमी आती जाती है।
तैयारी
- जहां तक तैयारी का सवाल है तो सबसे पहले उम्मीदवार को जनरल स्टडीज के विभिन्न भागों की एक सामान्य समझ विकसित करने की कोशिश करनी चाहिए। इसके लिए कक्षा 7 से लेकर 12 तक की भूगोल, इतिहास, राजनीतिशास्त्र, अर्थशास्त्र, विज्ञान आदि महत्वपूर्ण विषयों की टेक्स्ट बुक का अध्ययन करना चाहिए।
- जनरल स्टडीज के सिलेबस में भारत का इतिहास, भारत एवं विश्व भूगोल, भारतीय राजतंत्र और शासन, पर्यावरण, आर्थिक और सामाजिक विकास, पर्यावरण, पारिस्थितिकी, जैव-विविधता और सामान्य विज्ञान को शामिल किया जाता है। तैयारी के लिए इन सभी विषयों या टॉपिक्स को पूरी गहनता के साथ और समसामयिक घटनाक्रम से इन्हें जोड़कर पढ़ना चाहिए।
- अगर हम पिछले सालों के पेपर्स को गंभीरता से देखें तो हम पाते हैं कि अब तथ्यात्मक प्रकृति के प्रश्नों की तुलना में ऐसे प्रश्न ज्यादा आते हैं जिनसे यह पता चल सके कि आपके कॉन्सेप्ट कितने साफ हैं और आपको विषय की कितनी गहरी समझ है। इसलिए स्टूडेंट्स को तैयारी के दौरान विषय के सभी भागों का गहन अध्ययन करना चाहिए।
- भूगोल पढ़ते वक्त मानचित्रों, इंटरनेट आदि की मदद लेनी चाहिए।
- इतिहास पढ़ते वक्त इसके सभी भागों यानी प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक भारत का इतिहास की गंभीरता से पढ़ाई करनी चाहिए। हाल के सालों में समसामयिक घटनाक्रम को अलग से न पूछकर संबंधित विषयों की अवधारणा से जोड़कर पूछा जा रहा है। पढ़ते वक्त अर्थशास्त्र, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, भूगोल, राजनीतिक व्यवस्था के हालिया घटनाक्रम पर ध्यान देना जरूरी है। इसके लिए रोजाना कुछ अच्छे न्यूजपेपर और मैग्जीन्स पढ़नी चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण इंटरनेट की सहायता जरूर लेनी चाहिए।
- दूसरे भाग सीसेट के सिलेबस में कॉम्प्रिहेंशन या बोधगम्यता संचार कौशल सहित इंटरपर्सनल स्किल, लॉजिकल रीजनिंग, ऐनालिटिकल एबिलिटी, सामान्य मानसिक योग्यता, बेसिक गणित, डाटा इंटरप्रटेशन और अंग्रेजी कॉम्प्रिहेंशन शामिल हैं।
सीसेट की तैयारी से जुड़े कुछ जरूरी और उपयोगी सुझाव ये हैं...
1. अंग्रेजी और हिंदी कॉम्प्रिहेंशन पर खास ध्यान देना चाहिए क्योंकि 40 से 50% प्रश्न यहीं से होते हैं।
2. इसके लिए ज्यादा से ज्यादा प्रैक्टिस करनी चाहिए।
3. रीजनिंग, मैथ्स और मानसिक योग्यता के प्रश्नों की रोज प्रैक्टिस करनी चाहिए।
4. अगर अंग्रेजी के प्रश्न को समझने या करने में कठिनाई हो तो अपने अंग्रेजी के ज्ञान को बेहतर करने की कोशिश करें।
5. कई बार कॉम्प्रिहेंशन के प्रश्न का हिंदी में अनुवाद जटिल होने के कारण दिक्कत आती है। वैसी स्थिति में प्रश्न के अंग्रेजी में छपे भाग से मदद लेनी चाहिए।
2. मेन्स एग्जाम
यह एग्जाम का सबसे महत्वपूर्ण व निर्णायक भाग है क्योंकि कुल प्राप्तांक का 85% से ज्यादा वेटेज इसी का होता है। इस परीक्षा में प्राप्त किए गए अंकों की अधिकता न केवल इंटरव्यू का रास्ता साफ करती है, बल्कि अंतिम रूप से चयन और मेरिट में ऊपर आने में भी निर्णायक भूमिका अदा करती है। इसलिए परीक्षा में शामिल विषयों और इनके अंकों पर नजर डालना जरूरी है:
- मेन्स एग्जाम में संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल भाषाओं में से उम्मीदवार द्वारा चुनी गई कोई एक भाषा और अंग्रेजी के पेपर मैट्रिकुलेशन स्तर के होते हैं, जिनमें केवल पास होना होता है। इन पेपरों में प्राप्त अंकों को फाइनल मेरिट में नहीं जोड़ा जाता।
- मेन्स में आए नए बदलाव द्वारा आयोग ने उम्मीदवारों के बीच वैकल्पिक विषयगत विषमता को दूर करते हुए सामान्य अध्ययन के क्षेत्र को ज्यादा बढ़ा दिया है। अपने उत्तर लिखने के लिए स्टूडेंट्स को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल किसी भी भाषा या अंग्रेजी में लिखने की छूट है।
- टाइम मैनेजमेंट कामयाबी की पहली कुंजी है।
- जनरल स्टडीज पर ज्यादा से ज्यादा ध्यान देना बेहद जरूरी है।
- अप्लाई करने से पहले ही ऑप्शनल सब्जेक्ट का चयन और उसके पूरे सिलेबस की पढ़ाई पूरी कर लेनी चाहिए।
- अगर जनरल स्टडीज के सिलेबस के तहत शामिल विषयों से जुड़े ऑप्शनल सब्जेक्ट चुने जाएं तो तैयारी के दौरान काफी समय की बचत हो सकती है।
- उत्तर देते वक्त तय शब्द-सीमा का पालन करते हुए गैरजरूरी विस्तार से बचना चाहिए।
- मुख्य परीक्षा की तैयारी के दौरान लगने वाले समय को जनरल स्टडीज के लिए 60%, ऑप्शनल सब्जेक्ट के लिए 30% और निबंध के लिए 10% के रूप में बांटकर तैयारी करनी चाहिए।
- निबंध का अभ्यास बेहद जरूरी है। इसकी अनदेखी नहीं करनी चाहिए। कई उम्मीदवार परीक्षा भवन में ही अपना पहला निबंध लिखने के कारण इसका नुकसान उठाते हैं।
- आपके उत्तरों में मौलिकता झलकनी चाहिए। किसी कोचिंग संस्थान, किताब या किसी दूसरे स्त्रोत की पूरी नकल उतार देना सही नहीं है।
- उत्तर अगर समसामयिक घटना-क्रम से जुड़ रहा हो तो जरूर जोड़ें।
- उत्तर के महत्वपूर्ण भाग को अंडरलाइन, ग्राफ, चित्रों, मानचित्रों की मदद से पेश करना अच्छे नंबर लाने के लिए जरूरी है।
- जवाब में प्रश्न की मांग के मुताबिक उसके सभी भाग का अगर मुमकिन हो तो बिंदुवार उत्तर दें।
- ऑप्शनल सब्जेक्ट का चयन सोचसमझकर करें।
3. इंटरव्यू
इंटरव्यू से पहले
परीक्षा का अंतिम पड़ाव इंटरव्यू है। मेन्स एग्जाम में कैंडिडेट द्वारा लाए गए अंकों में से आयोग द्वारा निर्धारित अंक हासिल करने वालों को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है। कैंडिडेट का मूल्यांकन एक बोर्ड करता है, जिसके प्रमुख यूपीएससी के मेंबर होते हैं। उनके अलावा 4 या 5 और सदस्य बोर्ड में शामिल होते हैं। इंटरव्यू की तैयारी मेन्स एग्जाम देने के 15 दिन बाद से शुरू करनी चाहिए और हर रोज इसके लिए 2 से 3 घंटे की तैयारी भरपूर होती है। तैयारी के लिए कुछ महत्वपूर्ण टिप्स इस तरह हैं:
- न्यूजपेपर, पत्रिकाओं, न्यूज चैनलों को सरसरी निगाह से देखने की बजाय ध्यान लगाकर पढ़ना-सुनना चाहिए।
- चर्चा में रहे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व के प्रासंगिक या ज्वलंत मुद्दों पर खास ध्यान देते हुए अपनी मित्र-मंडली से इसकी चर्चा करनी चाहिए।
- इंटरव्यू डायरी बनाकर उसके महत्वपूर्ण घटनाक्रमों, अपने बायो-डेटा से जुड़े सभी पहलुओं जैसे हॉबी, शिक्षण संस्थान आदि की पूरी जानकारी रखनी चाहिए।
- मॉक इंटरव्यू का अभ्यास करना चाहिए।
- अपने इंटरव्यू का विडियो बनाकर अपनी कमियों को जानने की कोशिश करनी चाहिए।
इंटरव्यू के दौरान
- सबसे जरूरी है, बोर्ड द्वारा पूछे गए प्रश्नों को ध्यान से सुनना। अगर ठीक से सुन या समझ न पाए हों तो सॉरी कहकर प्रश्न दुहराने का निवेदन करें।
- उत्तर देने से पहले थोड़ा ठहरें, फिर शांति से उत्तर दें। जल्दबाजी महंगी साबित हो सकती है।
- सबसे महत्वपूर्ण पॉइंट्स पहले रखें।
- उत्तर देते वक्त ईमानदार बने रहें। उत्तर न मालूम हो तो विनम्रतापूर्वक बोर्ड से क्षमा मांग लें।
- उदार, छोटे व संतुलित उत्तर पर जोर दें।
- किसी भी विचारधारा, धर्म, पार्टी, भाषा, प्रजाति के प्रति तटस्थ रहने की कोशिश करें।
- बॉडी-लैंग्वेज का खासा ध्यान रखें। उत्तर देते वक्त आई-टु-आई कॉन्टैक्ट बनाए रखें।
- कमरे में प्रवेश करते वक्त या कमरा छोड़ते वक्त बोर्ड सदस्यों का अभिवादन या शुक्रिया करना जरूरी है।
अलग-अलग विषयों/व्यवसायों के स्टूडेंट्स का प्रदर्शन
यूपीएससी द्वारा प्री एग्जाम में सीसेट शामिल किए जाने के बाद इसमें काफी बदलाव आ चुका है। एक ताजा सर्वे में पिछले तीन साल के अंदर अंतिम रूप से चयनित कैंडिडेट में विषय/व्यवसाय, लिंग, क्षेत्र और माध्यम के छात्रों का प्रदर्शन इस तरह रहा है:
हिंदी के स्टूडेंट्स की समस्या
पिछले सालों में हिंदी के स्टूडेंट्स के अंतिम रूप से चयन होने का प्रतिशत काफी कम है। सीसेट के आने से और इसके पेपर में शामिल अंग्रेजी के 8-10 प्रश्नों, रीजनिंग, डिसिजन मेकिंग, गणित, सामान्य मानसिक योग्यता, कॉम्प्रिहेंशन के जटिल अनुवाद आदि ने प्री में ही हिंदी भाषी छात्रों की सफलता के प्रतिशत को काफी हद तक प्रभावित किया है। हिन्दी भाषी उम्मीदवार को तैयारी के पहले चरण की बाधा को दूर करने के लिए अपनी सीसेट पेपर की तैयारी पर खास ध्यान देना होगा।
कुछ महत्वपूर्ण वेबसाइट्स
1. www.pib.nic.in
2. www.wikipedia.org
3. www.bbc.com
4. www.prsindia.com
5. www.indiaenvironmentportal.org.in
6. www.thediplomat.com
यूपीएससी द्वारा आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा देश की सबसे प्रमुख और सम्मानित परीक्षा है। कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) द्वारा निर्देशित नियमों के मुताबिक अखिल भारतीय सेवाओं और केंद्रीय सेवाओं के ग्रुप क और ग्रुप ख पदों पर भर्ती के लिए यूपीएससी हर साल सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन करता है। आयोग हर साल फरवरी, मार्च में इसके लिए विज्ञापन निकालता है। मई के तीसरे या चौथे रविवार को प्री, नवंबर में मेन्स और अगले साल मार्च-अप्रैल में इंटरव्यू का आयोजन किया जाता है। फाइनल रिजल्ट मई के पहले या दूसरे हफ्ते तक घोषित कर दिया जाता है। जहां तक कुल वेकेंसी का सवाल है तो यह अमूमन 900 से 1100 के बीच होती हैं। इस साल सिविल सेवा प्री एग्जाम का आयोजन 26 मई को होना है। मेन्स एग्जाम 8 नवंबर से होंगे।
बदलाव की बात
- यूपीएससी ने इस साल यानी 2013 से सिविल सेवा परीक्षा में सुधार के लिए परीक्षा के तरीके में कुछ बदलाव किया है। इस नए फॉर्मैट में अब जनरल स्टडीज पर ज्यादा जोर दिया जाएगा।
- मेन्स एग्जाम में पहली बार जनरल स्टडीज के सिलेबस में नीतिशास्त्र, सत्यनिष्ठा और ऐप्टिट्यूड को शामिल किया गया है। डीओपीटी ने तमाम पेपर्स के अधिकतम अंकों के मामले में भी अच्छा खासा बदलाव किया है।
- सिविल सेवा मेन्स एग्जाम 2013 से जनरल स्टडीज के 250-250 अंकों के चार अनिवार्य पेपर होंगे।
- उम्मीदवार द्वारा चुने गए किसी एक ऑप्शनल सब्जेक्ट के दो पेपर भी 250-250 अंकों के होंगे।
- निबंध के पेपर को 200 से बढ़ाकर 250 कर दिया गया है।
- इंटरव्यू के 300 अंकों को घटाकर अब 275 कर दिया गया है।
- पहले जनरल स्टडीज के केवल दो अनिवार्य पेपर 300-300 अंकों के होते थे और दो ऑप्शनल सब्जेक्ट में हरेक के दो-दो पेपर 300-300 नंबर के होते थे।
शैक्षणिक योग्यता
- कैंडिडेट के पास किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी की ग्रैजुएशन डिग्री या समकक्ष योग्यता होनी चाहिए।
- ग्रैजुएशन के फाइनल इयर के उम्मीदवार भी प्री एग्जाम में शामिल हो सकते हैं, लेकिन जब वे मेन्स के लिए अप्लाई करेंगे तो उन्हें ग्रैजुएशन की डिग्री हासिल कर लेने का सर्टिफिकेट पेश करना होगा।
उम्र
- जनरल कैटिगरी के कैंडिडेट की उम्र 21 से 30 साल के बीच होनी चाहिए।
- ओबीसी के उम्मीदवारों के मामले में अधिकतम तीन साल, अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवार के लिए अधिकतम पांच साल की छूट का प्रावधान है।
- उम्र की गणना के लिए विज्ञप्ति प्रकाशन वाले साल के अगस्त महीने की पहली तारीख को मानक माना जाता है।
अवसरों की संख्या
- जनरल कैटिगरी के कैंडिडेट को चार बार और ओबीसी कैंडिडेट्स को सात बार परीक्षा में शामिल होने का मौका मिलता है।
- अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए अवसरों का कोई प्रतिबंध नहीं है।
- यहां यह जानना भी जरूरी है कि प्री एग्जाम के किसी भी पेपर में शामिल होने को ही अवसर के रूप में गिना जाता है, सिर्फ अप्लाई करने को नहीं।
रिजर्वेशन
- इस एग्जाम में सरकार द्वारा तय तरीके से अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, ओबीसी और शारीरिक रूप से अक्षम उम्मीदवारों के लिए आरक्षण की व्यवस्था है।
- अनुसूचित जातियों के लिए 15%, अनुसूचित जनजातियों के लिए 7.5% और ओबीसी के लिए 27% तक आरक्षण दिया जाता है।
सिविल सर्विसेज एग्जाम-2013 से जुड़ी जरूरी इंफर्मेशन...
26 मई को होगा सिविल सर्विसेज-2013 प्री एग्जाम
8 नवंबर से होगा सिविल सर्विसेज-2013 मेन्स एग्जाम
मार्च-अप्रैल 2014 में होगा इंटरव्यू
275 अंकों का होगा अब इंटरव्यू, पहले था 300 का
1000 से 1100 तक होती हैं कुल वैकेंसी
5 लाख के करीब भरे जाते हैं कुल फॉर्म
13 गुना (कुल वेकेंसी का) कैंडिडेट्स शामिल होते हैं मेन्स एग्जाम में
करीब 3 गुने (कुल वेकेंसी का) कैंडिडेट्स शामिल होते हैं इंटरव्यू में
एग्जाम
सिविल सेवा परीक्षा के दो चरण होते हैं:
1. मेन्स एग्जाम के लिए उम्मीदवारों के चयन के लिए सिविल सेवा प्री एग्जाम होता है। यह ऑब्जेक्टिव होता है।
2. प्री क्वॉलिफाई करने वाले लोगों को सिविल सेवा मेन्स एग्जाम देना होता है, जिसमें लिखित परीक्षा के अलावा इंटरव्यू भी होता है।
एग्जाम में बैठने का फैसला लेने से एक साल पहले या अगर ग्रैजुएशन कर रहे हों तो इसके फाइनल इयर से इसकी तैयारी शुरू कर दें। तैयारी शुरू करने से पहले सिलेबस, प्रश्न-पत्र, उपयोगी पत्र-पत्रिकाओं, न्यूज पेपरों, किताबों और दूसरे सभी पहलुओं की सूची बनाकर सिलसिलेवार ढंग से तैयारी शुरू करनी चाहिए।
1. प्री एग्जाम
- प्री एग्जाम में ऑब्जेक्टिव टाइप के 200-200 अंकों के दो पेपर होते हैं। यह एग्जाम सिर्फ उसी साल के मेन्स एग्जाम के लिए कैंडिडेट्स की स्क्रीनिंग के लिए होता है।
- इस एग्जाम में मिले नंबरों को फाइनल मेरिट लिस्ट में नहीं जोड़ा जाता।
- मेन्स एग्जाम में शामिल होने वाले योग्य कैंडिडेट्स की संख्या विज्ञप्ति में प्रकाशित कुल वेकेंसी की संख्या का लगभग 12 से 13 गुना होती है।
- यूपीएससी मेन्स एग्जाम में शामिल होने के लिए कैंडिडेट का चयन प्री में मिले नंबरों के आधार पर करता है।
रूपरेखा
- प्री में जनरल स्टडीज के पहले पेपर में 100 ऑब्जेक्टिव प्रश्न होते हैं।
- दूसरे पेपर सिविल सर्विसेज ऐप्टिट्यूड टेस्ट (सीसेट) में 80 ऑब्जेक्टिव प्रश्न होते हैं।
- दोनों पेपरों के लिए 200-200 अंक निर्धारित हैं।
- हर पेपर को 2 घंटे के भीतर हल करना होता है।
- प्रश्नों के उत्तर देने के लिए ओएमआर शीट पर सही गोले को काले बॉल पेन की मदद से रंगना होता है।
- हर प्रश्न के लिए चार ऑप्शन होते हैं। गलत उत्तर के लिए एक तिहाई अंक कट जाता है।
- सीसेट के डिसिजन मेकिंग वाले प्रश्नों में निगेटिव मार्किंग न होकर सबसे सही से लेकर कम सही तक क्रमश: अंकों में कमी आती जाती है।
तैयारी
- जहां तक तैयारी का सवाल है तो सबसे पहले उम्मीदवार को जनरल स्टडीज के विभिन्न भागों की एक सामान्य समझ विकसित करने की कोशिश करनी चाहिए। इसके लिए कक्षा 7 से लेकर 12 तक की भूगोल, इतिहास, राजनीतिशास्त्र, अर्थशास्त्र, विज्ञान आदि महत्वपूर्ण विषयों की टेक्स्ट बुक का अध्ययन करना चाहिए।
- जनरल स्टडीज के सिलेबस में भारत का इतिहास, भारत एवं विश्व भूगोल, भारतीय राजतंत्र और शासन, पर्यावरण, आर्थिक और सामाजिक विकास, पर्यावरण, पारिस्थितिकी, जैव-विविधता और सामान्य विज्ञान को शामिल किया जाता है। तैयारी के लिए इन सभी विषयों या टॉपिक्स को पूरी गहनता के साथ और समसामयिक घटनाक्रम से इन्हें जोड़कर पढ़ना चाहिए।
- अगर हम पिछले सालों के पेपर्स को गंभीरता से देखें तो हम पाते हैं कि अब तथ्यात्मक प्रकृति के प्रश्नों की तुलना में ऐसे प्रश्न ज्यादा आते हैं जिनसे यह पता चल सके कि आपके कॉन्सेप्ट कितने साफ हैं और आपको विषय की कितनी गहरी समझ है। इसलिए स्टूडेंट्स को तैयारी के दौरान विषय के सभी भागों का गहन अध्ययन करना चाहिए।
- भूगोल पढ़ते वक्त मानचित्रों, इंटरनेट आदि की मदद लेनी चाहिए।
- इतिहास पढ़ते वक्त इसके सभी भागों यानी प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक भारत का इतिहास की गंभीरता से पढ़ाई करनी चाहिए। हाल के सालों में समसामयिक घटनाक्रम को अलग से न पूछकर संबंधित विषयों की अवधारणा से जोड़कर पूछा जा रहा है। पढ़ते वक्त अर्थशास्त्र, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, भूगोल, राजनीतिक व्यवस्था के हालिया घटनाक्रम पर ध्यान देना जरूरी है। इसके लिए रोजाना कुछ अच्छे न्यूजपेपर और मैग्जीन्स पढ़नी चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण इंटरनेट की सहायता जरूर लेनी चाहिए।
- दूसरे भाग सीसेट के सिलेबस में कॉम्प्रिहेंशन या बोधगम्यता संचार कौशल सहित इंटरपर्सनल स्किल, लॉजिकल रीजनिंग, ऐनालिटिकल एबिलिटी, सामान्य मानसिक योग्यता, बेसिक गणित, डाटा इंटरप्रटेशन और अंग्रेजी कॉम्प्रिहेंशन शामिल हैं।
सीसेट की तैयारी से जुड़े कुछ जरूरी और उपयोगी सुझाव ये हैं...
1. अंग्रेजी और हिंदी कॉम्प्रिहेंशन पर खास ध्यान देना चाहिए क्योंकि 40 से 50% प्रश्न यहीं से होते हैं।
2. इसके लिए ज्यादा से ज्यादा प्रैक्टिस करनी चाहिए।
3. रीजनिंग, मैथ्स और मानसिक योग्यता के प्रश्नों की रोज प्रैक्टिस करनी चाहिए।
4. अगर अंग्रेजी के प्रश्न को समझने या करने में कठिनाई हो तो अपने अंग्रेजी के ज्ञान को बेहतर करने की कोशिश करें।
5. कई बार कॉम्प्रिहेंशन के प्रश्न का हिंदी में अनुवाद जटिल होने के कारण दिक्कत आती है। वैसी स्थिति में प्रश्न के अंग्रेजी में छपे भाग से मदद लेनी चाहिए।
2. मेन्स एग्जाम
यह एग्जाम का सबसे महत्वपूर्ण व निर्णायक भाग है क्योंकि कुल प्राप्तांक का 85% से ज्यादा वेटेज इसी का होता है। इस परीक्षा में प्राप्त किए गए अंकों की अधिकता न केवल इंटरव्यू का रास्ता साफ करती है, बल्कि अंतिम रूप से चयन और मेरिट में ऊपर आने में भी निर्णायक भूमिका अदा करती है। इसलिए परीक्षा में शामिल विषयों और इनके अंकों पर नजर डालना जरूरी है:
- मेन्स एग्जाम में संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल भाषाओं में से उम्मीदवार द्वारा चुनी गई कोई एक भाषा और अंग्रेजी के पेपर मैट्रिकुलेशन स्तर के होते हैं, जिनमें केवल पास होना होता है। इन पेपरों में प्राप्त अंकों को फाइनल मेरिट में नहीं जोड़ा जाता।
- मेन्स में आए नए बदलाव द्वारा आयोग ने उम्मीदवारों के बीच वैकल्पिक विषयगत विषमता को दूर करते हुए सामान्य अध्ययन के क्षेत्र को ज्यादा बढ़ा दिया है। अपने उत्तर लिखने के लिए स्टूडेंट्स को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल किसी भी भाषा या अंग्रेजी में लिखने की छूट है।
- टाइम मैनेजमेंट कामयाबी की पहली कुंजी है।
- जनरल स्टडीज पर ज्यादा से ज्यादा ध्यान देना बेहद जरूरी है।
- अप्लाई करने से पहले ही ऑप्शनल सब्जेक्ट का चयन और उसके पूरे सिलेबस की पढ़ाई पूरी कर लेनी चाहिए।
- अगर जनरल स्टडीज के सिलेबस के तहत शामिल विषयों से जुड़े ऑप्शनल सब्जेक्ट चुने जाएं तो तैयारी के दौरान काफी समय की बचत हो सकती है।
- उत्तर देते वक्त तय शब्द-सीमा का पालन करते हुए गैरजरूरी विस्तार से बचना चाहिए।
- मुख्य परीक्षा की तैयारी के दौरान लगने वाले समय को जनरल स्टडीज के लिए 60%, ऑप्शनल सब्जेक्ट के लिए 30% और निबंध के लिए 10% के रूप में बांटकर तैयारी करनी चाहिए।
- निबंध का अभ्यास बेहद जरूरी है। इसकी अनदेखी नहीं करनी चाहिए। कई उम्मीदवार परीक्षा भवन में ही अपना पहला निबंध लिखने के कारण इसका नुकसान उठाते हैं।
- आपके उत्तरों में मौलिकता झलकनी चाहिए। किसी कोचिंग संस्थान, किताब या किसी दूसरे स्त्रोत की पूरी नकल उतार देना सही नहीं है।
- उत्तर अगर समसामयिक घटना-क्रम से जुड़ रहा हो तो जरूर जोड़ें।
- उत्तर के महत्वपूर्ण भाग को अंडरलाइन, ग्राफ, चित्रों, मानचित्रों की मदद से पेश करना अच्छे नंबर लाने के लिए जरूरी है।
- जवाब में प्रश्न की मांग के मुताबिक उसके सभी भाग का अगर मुमकिन हो तो बिंदुवार उत्तर दें।
- ऑप्शनल सब्जेक्ट का चयन सोचसमझकर करें।
पेपर | अंक |
संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल भाषाओं में से उम्मीदवार द्वारा चुनी गई कोई एक भारतीय भाषा | 300 |
अंग्रेजी | 300 |
निबंध | 250 |
जनरल स्टडीज-1 (भारतीय विरासत और संस्कृति, विश्व का इतिहास एवं भूगोल और समाज) | 250 |
जनरल स्टडीज-2 (भारतीय विरासत और संस्कृति, विश्व का इतिहास एवं भूगोल और समाज) | 250 |
सामान्य अध्ययन-3 (प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव विविधता, पर्यावरण सुरक्षा, आपदा प्रबंधन) | 250 |
सामान्य अध्ययन-4 (नीतिशास्त्र, सत्यनिष्ठा और अभिरुचि) | 250 |
ऑप्शनल सब्जेक्ट पेपर-1 | 250 |
ऑप्शनल सब्जेक्ट पेपर- 2 | 250 |
कुल योग | 1750 |
इटरव्यू | 275 |
टोटल | 2025 |
3. इंटरव्यू
इंटरव्यू से पहले
परीक्षा का अंतिम पड़ाव इंटरव्यू है। मेन्स एग्जाम में कैंडिडेट द्वारा लाए गए अंकों में से आयोग द्वारा निर्धारित अंक हासिल करने वालों को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है। कैंडिडेट का मूल्यांकन एक बोर्ड करता है, जिसके प्रमुख यूपीएससी के मेंबर होते हैं। उनके अलावा 4 या 5 और सदस्य बोर्ड में शामिल होते हैं। इंटरव्यू की तैयारी मेन्स एग्जाम देने के 15 दिन बाद से शुरू करनी चाहिए और हर रोज इसके लिए 2 से 3 घंटे की तैयारी भरपूर होती है। तैयारी के लिए कुछ महत्वपूर्ण टिप्स इस तरह हैं:
- न्यूजपेपर, पत्रिकाओं, न्यूज चैनलों को सरसरी निगाह से देखने की बजाय ध्यान लगाकर पढ़ना-सुनना चाहिए।
- चर्चा में रहे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व के प्रासंगिक या ज्वलंत मुद्दों पर खास ध्यान देते हुए अपनी मित्र-मंडली से इसकी चर्चा करनी चाहिए।
- इंटरव्यू डायरी बनाकर उसके महत्वपूर्ण घटनाक्रमों, अपने बायो-डेटा से जुड़े सभी पहलुओं जैसे हॉबी, शिक्षण संस्थान आदि की पूरी जानकारी रखनी चाहिए।
- मॉक इंटरव्यू का अभ्यास करना चाहिए।
- अपने इंटरव्यू का विडियो बनाकर अपनी कमियों को जानने की कोशिश करनी चाहिए।
इंटरव्यू के दौरान
- सबसे जरूरी है, बोर्ड द्वारा पूछे गए प्रश्नों को ध्यान से सुनना। अगर ठीक से सुन या समझ न पाए हों तो सॉरी कहकर प्रश्न दुहराने का निवेदन करें।
- उत्तर देने से पहले थोड़ा ठहरें, फिर शांति से उत्तर दें। जल्दबाजी महंगी साबित हो सकती है।
- सबसे महत्वपूर्ण पॉइंट्स पहले रखें।
- उत्तर देते वक्त ईमानदार बने रहें। उत्तर न मालूम हो तो विनम्रतापूर्वक बोर्ड से क्षमा मांग लें।
- उदार, छोटे व संतुलित उत्तर पर जोर दें।
- किसी भी विचारधारा, धर्म, पार्टी, भाषा, प्रजाति के प्रति तटस्थ रहने की कोशिश करें।
- बॉडी-लैंग्वेज का खासा ध्यान रखें। उत्तर देते वक्त आई-टु-आई कॉन्टैक्ट बनाए रखें।
- कमरे में प्रवेश करते वक्त या कमरा छोड़ते वक्त बोर्ड सदस्यों का अभिवादन या शुक्रिया करना जरूरी है।
अलग-अलग विषयों/व्यवसायों के स्टूडेंट्स का प्रदर्शन
यूपीएससी द्वारा प्री एग्जाम में सीसेट शामिल किए जाने के बाद इसमें काफी बदलाव आ चुका है। एक ताजा सर्वे में पिछले तीन साल के अंदर अंतिम रूप से चयनित कैंडिडेट में विषय/व्यवसाय, लिंग, क्षेत्र और माध्यम के छात्रों का प्रदर्शन इस तरह रहा है:
मानदंड
|
वर्ष
| ||
2011
|
2010
|
2009
| |
इंजिनियरिंग
|
44%
|
35%
|
26%
|
मेडिकल
|
14%
|
10%
|
7%
|
कला
|
20%
|
26%
|
24%
|
महिला
|
22%
|
18%
|
28%
|
ग्रामीण
|
70%
|
57%
|
66%
|
अंग्रेजी माध्यम
|
90%
|
85%
|
82%
|
हिंदी के स्टूडेंट्स की समस्या
पिछले सालों में हिंदी के स्टूडेंट्स के अंतिम रूप से चयन होने का प्रतिशत काफी कम है। सीसेट के आने से और इसके पेपर में शामिल अंग्रेजी के 8-10 प्रश्नों, रीजनिंग, डिसिजन मेकिंग, गणित, सामान्य मानसिक योग्यता, कॉम्प्रिहेंशन के जटिल अनुवाद आदि ने प्री में ही हिंदी भाषी छात्रों की सफलता के प्रतिशत को काफी हद तक प्रभावित किया है। हिन्दी भाषी उम्मीदवार को तैयारी के पहले चरण की बाधा को दूर करने के लिए अपनी सीसेट पेपर की तैयारी पर खास ध्यान देना होगा।
कुछ महत्वपूर्ण वेबसाइट्स
1. www.pib.nic.in
2. www.wikipedia.org
3. www.bbc.com
4. www.prsindia.com
5. www.indiaenvironmentportal.org.in
6. www.thediplomat.com
गुरुवार, 18 जुलाई 2013
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हमारा उद्देश्य केवल इतना है की हम अधिक से अधिक लोगो को कंप्यूटर से जोड़ सके और उन्हें इसका सही उपयोग सिख सके ताकि समय आने पर वोह अपनी शिक्षा का सदुपयोग कर सके
मई अपने और ब्लॉगर साथियो से भी सहयोग की अपेक्षा रखती हु की वो अपने पोस्ट हमे अपने ब्लॉग पर प्रकाशित करने की सहमती दे ताकि हम सब मिलकर इस समाज को बना सके
धन्यवाद.
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ज्ञान ही अज्ञानता को मारता है |
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